माँ जिनवाणी के प्रचार प्रसार में समर्पित "जय जिनेन्द्र" एप को पुरे भारत के साथ साथ विदेशो से भी अच्छा प्रतिसाद मिल हा है | विगत ५ वर्षो में करीब २.५ लाख से भी अधिक परिवारों को स्वाध्याय परम्परा से जोड़ने में यह प्रतियोगिता सफल हुई है |
पिछले साल हमने भारत के लगभग १६०००+ दिगम्बर जैन मंदिरोंकी जानकारी इकठा कर उसे ऑनलाइन किया था (http://www.jaintirthkshetra.com/) | इसका कार्य अभीभी जारी है, और हम अभी बाकी सम्प्रदाय के मंदिर, देरासर तथा स्थानक की जानकारी इकठा कर रहे है, जिसे की हमारे जैन भाई और बहनोको इसका लाभ मिल सके |
२०११ की जनगणना नुसार भारत में कुल ४६ लाख ५१ हजार ७५३ जैन बांधव हे लेकिन यह संख्या ४ करोड़ तक हो सकती है ! ऐसा विकल्प नही जिससे जैनोकी कुल संख्या निश्चित हो सखे, इसी भावनासे "Vishawa jain Samaj" बनाया गया है! इस App को हर एक जैन भाई बहन तक पहुचने की जिन्मेदारी हम सभी की है ताकि जैनोकी निश्चित आबादी मालूम हो ! यह App केवल धर्म प्रभावना की भावना से बनाया गया है ! कृपया इस App में Register कर के अपना सहयोग प्रदान करे !
जैन साधुओंके विहार में आहार (गोचरी ) तथा विवास की व्यवस्था सुचालुरूप से की जा सके इस भावना से हमने "जैन सम्यक विहार " नाम से मोबाइल एप का निर्माण कीया है | एस में आपको विहार के रास्ते में कोने वाले जगह की गूगल लोकेशन तथा संपर्क की जानकारी उपलभ कराइ जा रही है |
इस साल से "स्वयंभू प्रतियोगिता" प्रकाशित हो रहा है | स्वयंभू प्रतियोगिता का प्रयोजन केवल माँ जिनवाणी के प्रचार प्रसार एवं श्रावको की स्वाध्याय में रूचि बढ़ाना है | यह ऑनलाइन प्रतियोगिता प्रकाशन हेतु एक सॉफ्टवेयर (वेब साइट और मोबाइल एप) का निर्माण किया है | सभी को एक साथ पत्रिका मिल जाये और पत्रिका चेक करना रिझल्ट लगाना अंक कि जानकारी सभी तक समय पर पहुंचाना यह सब हमने डिजिटल कर दिया है । आपको आपके मोबाईल पर अब हर समय प्रतियोगिता की जाणकारी sms के द्वारा मिलती रहेगी |
हर वर्ष कुछ नया करने का हमारा प्रयास रहता है |और भी कार्य हमारे कार्यान्विंत है जिसके बारे में आपको समय समय पर हम बताते रहेंगे |
आप आपके सुझाव हमें मोबाइल एप द्वारा (जय जिनेद्र) , whatsapp(८७६६६८७४०२) पर तथा ईमेल(info@vishwajainsamaj.com) द्वारा भेज सकते हो |
अंत में जिन महानुभावो ने अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग करके विजेताओं को प्रोत्साहित करने हेतु द्रव्य का दान दिया है तथा आप सब जिन्होंने हमें गत २-३ सालोंसे हम से जुड़े रहकर और समय समय पर सुझाव देकर हमारे प्रयास को और भी अच्छा करने में जो सहायता की है वो सब तहदिल से धन्यवाद के पात्र है, सभी को कैवल्य की प्राप्ति हो इस मंगल भावना के साथ। ...
- विश्व जैन समाज ट्रस्ट