स्वयंभू प्रतियोगिता अंक ७, ११ अगस्त को प्रकाशित हो रही है | हर वर्ष कुछ नया करने का हमारा प्रयास रहता है | इस वर्ष ऑनलाइन प्रतियोगिता प्रकाशन हेतु एक सॉफ्टवेयर (वेब साइट और मोबाइल एप) का निर्माण किया है | विगत २ वर्षो में जय जिनेद्र एप के द्वारा हम १.६ लाख से भी अधिक परिवारों तक पहुंच कर उन्हें स्वाध्याय परम्परा से जोड़ने में सफल हुये है | पिछले साल हमने भारत के लगभग १६००० दिगम्बर जैन मंदिरोंकी जानकारी इकठा कर उसे ऑनलाइन किया था | इसका कार्य अभीभी जारी है, और हम अभी बाकी सम्प्रदाय के मंदिर, देरासर तथा स्थानक की जानकारी इकठा कर रहे है, जिसे की हमारे जैन भाई और बहनोको इसका लाभ मिल सके | और भी कार्य हमारे कार्यान्विंत है जिसके बारे में आपको समय समय पर हम बताते रहेंगे |
सभी को एक साथ पत्रिका मिल जाये और पत्रिका चेक करना रिझल्ट लगाना अंक कि जानकारी सभी तक समय पर पहुंचाना यह सब हमने डिजिटल कर दिया है । आपको आपके मोबाईल पर अब हर समय प्रतियोगिता की जाणकारी sms के द्वारा मिलती रहेगी |
इस बार के अंक में साधारण (बेसिक) प्रश्न रखे है | आगे हर अंक में एक तीर्थंकर के जीवन चरित्र पर या एक शास्त्र पर आधारित प्रश्न लेकर आयेंगे |
इस बार की प्रतियोगिता में १०० प्रश्न दिए है जिनके जबाब आपको इसी मे देने है | प्रतियोगिता डिजिटल रूप में आने से सभी काम सॉफ्टवेयर द्वारा ही सम्पन्न होंगे इसलिए अधिक से अधिक पत्रिका ऑनलाइन ही जमा करने का प्रयास करे | आप आपके सुझाव हमें एप द्वारा (जय जिनेद्र) , whatsapp (8766687402) पर तथा ईमेल (info@vishwajainsamaj.com) द्वारा भेज सकते हो |
अंत में जिन महानुभावो ने अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग करके विजेताओं को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार प्रदान मे द्रव्य का दान दिया है तथा आप सब जिन्होंने हमें गत २-३ सालोंसे हम से जुड़े रहकर और समय समय पर सुझाव देकर हमारे प्रयास को और भी अच्छा करने में जो सहायता की है वो सब तहदिल से धन्यवाद के पात्र है, सभी को कैवल्य की प्राप्ति हो इस मंगल भावना के साथ। ...
- स्वप्निल भरत जैन, विश्व जैन समाज ट्रस्ट, नाशिक, महाराष्ट्र, भारत